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कुछ करने की अब चाह नहीं अवशाद

Abhay singh 25 Apr 2023 कविताएँ दुःखद Shivam Singh 10703 0 Hindi :: हिंदी

कुछ करने की अब चाह नहीं .......
  कुछ करना भी चाहु तो राह नहीं
 जी करता है मर जाऊं 
 क्योकि जीने की आशा नहीं
 तेरे प्यार ने रोका है 
 वर्ना अब किसी पे विश्वास नहीं
 झूठे की ताज निराली है
 सच्चे का कोई मोल नहीं
 मेरे बीवी बच्चों का मेरे शिव कोई और नहीं
 अब करो दया मुझे भी  
अब करो दया मुझे भी
🙏🙏🙏😭😭😭🙏🙏🙏

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