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आज मैं तन्हाई में ही खुश हूं

Archana Singh 08 May 2023 कविताएँ अन्य 4865 0 Hindi :: हिंदी

आज मैं तन्हाई में ही खुश हूं....!
जिसे पा ना सकी ...
उसकी जुदाई में भी खुश हूं ...!

हाथों की लकीरों में नहीं था ....!
इस दर्द -ए- एहसास से ही मैं खुश हूं ...!

होगा तू किसी के मुकद्दर का सितारा....!
 इस उम्मीद से ही मैं खुश हूं ...!

काश ! तेरे हाथ की लकीर  मैं बन जाती...
 तेरे हर रिश्ते की तस्वीर मैं बन जाती ...!

 इस झूठी उम्मीद में ही मैं खुश हूं ....!
इसलिए तो दोस्तों ! 
आज मैं तन्हाई में भी खुश हूं ....!!

धन्यवाद दोस्तों 🙏🙏💐💐

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