Shiv Kishore 01 Jun 2023 शायरी दुःखद रोज _ ए _इश्क़ निकाला , ताला 6121 0 Hindi :: हिंदी
बड़ी मुस्किल से मैंने रोज _ ए _इश्क़ निकाला , उस पर भी घर वालों ने जड़ दिया ताला । हम समझे थे कि हम अच्छी किस्मत आए लेकर___ जब जवां हुए तो निकला फूटा भाग्य साला । __ शिव किशोर, शाहजहांपुर,यूपी