Ravina pareek 09 Jun 2023 कविताएँ समाजिक आज की नारी दुर्गा का रूप 6038 0 Hindi :: हिंदी
बहुत हुआ अन्याय अब, न्याय खुद को दिलाएंगे। बहुत बन गए हम नारी बेचारी, अब दुर्गा बनकर दिखाएंगे। बहुत जी चुके हम डर- डर कर, अब निडर बन कर दिखाएंगे। बहुत सह गए चुप रह कर, अब दुष्टों के खिलाफ आवाज उठाएंगे। बहुत बन गए पापा की परी, अभी शेरनी बन कर दिखाएंगें। बहुत हुआ अन्याय अब, न्याय खुद को दिलवाएंगे ।। Writer-Ravina pareek ✍️✍️