Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

वक़्त

Alfaaz Hassan 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 51220 0 Hindi :: हिंदी

 जिंदगी लम्हा लम्हा उतरती जा रही है अपनी पगडंडीयो से और जिंदगी का ये गुजरता हुआ कारवां फिर लौट कर ना आयेगा। पी ले घूंट घूंट कर जिंदगी का नहीं तो बह जायेगा वक़्त का ये दरिया और तू प्यासा ही रह जायेगा  


आहत से तब रह जाएंगे दिल तेरे के कोने रे 
जब वक़्त निकल जायेगा आगे खेल के खेल खिलौने से ।चाहे जीत मिले या हार मिले नाही फर्क पङे इसे रोने से ये दर्द अगर सगं लाया है तो मरहम भी दे जायेगा ये वक़्त हवाओं सा बहता और बहता ही ये जायेगा।,

ये कभी बरसता सावन हैऔर कभी कङकती धूप है ये वक़्त का पहिया चलते चलते कई बदलता रूप है ये चढता सगं परछाई यो के सगं परछाई यो के ढलता है ये कभी नर्म सा चाँद है कभी सुर्य सा उबलता है  ये तेज़ धारा ओ सा बहता और बहता ही ये जायेगा।,

ये लाया है सगं बचपन को और यौवन भी ये लायेगा रूत लाया अगर बहारों की तो पतछङ भी दे जायेगा है अतः लिखा हर लम्हे का दे कर कुछ मीठी सी यादें ये लम्हा 
सरकता जायेगा है वक़्त का ये दस्तूर जो वक़्त सदा ही निभायेंगा क़ोई आयेगा कोई जायेगा है अमर खुदा बस एक ही उसके सिवा सब मिट्टी में मिल जायेगा, ।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: