Pravin Chaubey 26 Apr 2023 शायरी समाजिक #कविता #काव्य #पोएम #सायरी #मोटीवेशन #दर्द सायरी #रील #वायरल 12581 0 Hindi :: हिंदी
अपने इस एक हंसी के पीछे हम जाने कितने दर्द छुपाए बैठे है जिंदगी रूठी रूठी सी लग रही है उस को भी मनाए बैठे है कब तक रहेगी हम से नाराज रखेगी हम को उदास ए जिंदगी कब देगी हमे खुशियों से भरी साम और आराम ऐ जिंदगी - प्रवीण चौबे
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