Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

हमारे सभ्यता

Irfan haaris 07 Apr 2023 कविताएँ समाजिक जड़ें कट चुकीं हैं 8107 0 Hindi :: हिंदी

जड़ें कट चुकीं हैं
हमारी संस्कृति की
हमारी सभ्यता की
तीव्र गति से बदलते
संसार में मानवता की
सूख चुकीं हैं शाखाएं
सगे सम्बंधी और मित्रता की
स्वार्थ के जल से सूखे पत्तों को
हरा करने का प्रयास
कर रहे हैं लोग
अपरिचित रुप रंग
अपरिचित भाषा संस्कृति
को अपनाए
गौरवशाली महसूस
कर रहे हैं लोग

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: