Bholenath sharma 06 Jan 2024 कविताएँ समाजिक अपना पन कहने मात्र से कोई भी अपना नहीं होता ब्लकि उसकी विपति में ढटकर सहायता करे तो उस व्यक्ति को ये लगे कि ये अपने है अपना पन दिखा दिया | 7402 0 Hindi :: हिंदी
आत्मीयता खोकर भी तुम अपना कहते हो । जो छोड़ गये तुम को तुम क्यो उनको अपना कहते हो । जिन्हें प्रेम नहीं है तुम से उन पर क्यो मरते हो । जो बिसरा कर तुम्हें चले गये क्यो उनको अपना कहते हो । व्यथा गाँठ से पीड़ित होकर फिर भी अच्छा कहते हो । शांत खड़े कुछ तो बोलो मन में क्यों कहते हो ।