Jitendra Sharma 31 May 2023 कविताएँ समाजिक हे सनातन बालाओं! shakshi ki hatya, aastha ki hatya, shakshi ko kyon mara. 12413 2 5 Hindi :: हिंदी
हे सनातन बालाओं! जागो! थोड़ा सोच विचार करो! प्यार के नाम पर हे देवी! कभी ना तुम अनाचार करो। हे ललना! तुम श्रेष्ठ बनो! और स्वंय को पहचानो, करना है तो आंखें खोलो, स्वधर्मी से प्यार करो।। दीपक देता प्रकाश जहां में, चिराग घर जलाता है, वेद ज्ञान फैलाता जग में, नावेद घृणा उपजाता है। प्रेम करो तो सूरज से, तन-मन सब रोशन करता, आफताब तो धोखा है, तन टुकड़ों में बंट जाता है। प्रेम करो तो मीरा सा, जग में पूजी जाओगी, या सनातन कुल की वधु बन, मान देवि सा पाओगी। तुम मीरा, तुम लक्ष्मीबाई, तुम अहिल्या सी पावन हो, स्वतन्त्रता का मान करो, वरना फिर फिर पछताओगी।
10 months ago