कविता केशव 30 Mar 2023 कविताएँ राजनितिक रिश्वतखोरी और कालाबाजारी बन्द करो 75087 0 Hindi :: हिंदी
बच्चे से लेकर, अस्सी साल के बुड्ढे तक, बन बैठा हर कोई भ्रष्टाचारी, बच्चा पैदा होने से लेकर अर्थी के कफ़न तक, चलती है काला बाजारी, स्कूलों में, कालेजों में, थानो में, अस्पतालों में, हर तरफ चलती है रिश्वतखोरी, आम आदमी की जेब खाली करके, खुद की जेब भरते है, ये सत्ताधारी, कैसे बचाए अपने देश को, इसे लग गई है भ्रष्टाचार की बिमारी, दुसरो को दोष ना देकर, पहले खुद से ही पहल करके इस बिमारी को मिटाना है, भ्रष्टाचार खत्म करो के नारे हटाकर" ना रिश्वत देंगे, ना रिश्वत लेंगे का नारा लगाना है।