Tanvi saini 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम Best poem 26140 1 5 Hindi :: हिंदी
बेटियों की इज्ज़त कंधों पर टांग के बस्ता चलती वो बड़ी शान से अपने घर आँगन में रहती वो बड़े अभिमान से पिता औऱ भाई के साथ चलती वो बड़े चॉकलेट खाने के लिए उछलती कूदती वो बड़ी चाहत से फिर निकल पड़ते भेड़िये और कुत्ते मैदान में झपट पड़ते बेटी के शरीर औऱ सम्मान पे कर देते जिस्म को तार तार बड़ी बेदर्दी औऱ बिना ख्याल के टँगा दिया उसका बचपन चीख पुकारों के सैलाब में देख बर्बरता का खेल , धुँधली हो गई तस्वीर बच्ची के दिल औऱ दिमाग़ में कुत्ते औऱ भेड़ियों का कोई धर्म नहीं फिर भी खुले घूमते बड़े अभिमान से माँ बाप की रातों की नींदें उड़ गई बेटी के ख्याल में सत्ता के पास सिर्फ अफसोस है बिना समाधान के सरकार हो गई गुम बिना किसी जवाब के बेटियों की इज्ज़त हो गई गुल बीच बाजार में पल भर में छा गया सन्नाटा बिना किसी समाधान के
1 year ago