Abdul Qadir 25 Apr 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत गज़ल, शायर, शायरी, कविता 8932 0 Hindi :: हिंदी
अभी चलन भी नयी नयी है, अभी प्यार भी नया नया है, हुश्न का जलवा है कुछ ऐसा, अभी यार भी नया नया है। वह चिलमन से छुपके देखें, लगा दिल लगी उन्हें हुई है, जगी तस्करी अभी नयी है, ये इज़हार भी नया नया है। सुबह शबनमी जो रात गुजरी, छटी जो बदली तो चाँद देखा, दिल में यूँ है दर्द उठता, अभी वार भी नया नया है। मेरी आखें हैं जी प्यासी, की उनपे ही बस लगी हुई हैं, इश्क़ से दामन छुड़ाने वाला, ओ होशियार भी नया नया है।