Sudha Chaudhary 29 Apr 2023 कविताएँ अन्य 7684 0 Hindi :: हिंदी
स्मृति मैं यह आज कौन मिलने आया लेकर दुर्गम पथ की छाया आज कौन कौतूहल लाया। हरे भरे इस जीवन में सन्नाटे को कौन बुलाया। स्मृति मैं आज कौन मिलने आया। आतुरता में क्षोभ दृष्टि में विष का प्याला देखना पाया जाने की अनुकंपा की पर निर्दय समझ ना पाया हंसी और रूदन संगम सहज भाव से मुझे पिलाया स्मृति में यह आज कौन मिलने आया।। सुधा चौधरी