Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

आज रावण क्यों जलता है-उठता है विश्वास आज रावण जलने पर

Rambriksh Bahadurpuri 23 Oct 2023 कविताएँ समाजिक #Ambedkarnagar poetry#Rambriksh Bahadurpuri #dashahara per kavita 9214 0 Hindi :: हिंदी

आज रावण क्यों जलता है?


हुए  कई  सौ  साल  मरे  रावण  को अब  से
जगह -जगह  मर रहा आज भी रावण तब से
रावण  के  संग  मिटी  बुराई  जग  की  सारी 
अच्छाई  की   हुई  जीत  हर  दिल  में  प्यारी
रावण   के   मरने   से   तय  था  मिटे  बुराई
स्नेह   प्यार   का  बरसेगा  दिल  में  अच्छाई
गयी    बुराई   एक   नही   रावण   मरने   से
क्या  मतलब  हर साल  भला रावण जलने से
मरता   रावण   एक   जनमते  कइयों  रावण
रोज   लूटते   लाज  बहन  मां  के  ही  पावन
रावण   लेता  जन्म  जनमते  राम  नही  क्यों?
क्या  बन  कर  हम  हैं  जलाते  रावण को यों?
कहां   गया   आदर्श   राम   का   भाई  चारा?
यहां  दिखते  हो  तुम  जलाते  घर  को सारा 
कहीं  न  दिखता  युद्ध  बुरे  अच्छाई  के संग
सभी    रंगे     एक    बुराई    के   रंगों   रंग 
कहां   हुई   है  जीत  बुराई  पर  कहते  ज्यों? 
यहां  पनपती  रोज बुराई  जन  जन  में क्यों
राम  जनमते  नहीं  कही  क्यों दशरथ के घर?
न  कोई  रावण  ले  जा  पाता  सीता को हर
लुटती  जाती  नारि  आज  यहां एक घर घर
उठता  है  विश्वास   आज  रावण  जलने पर। 

         रचनाकार 
    रामबृक्ष बहादुरपुरी 
अम्बेडकरनगर उत्तर प्रदेश

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: