ब्राह्मण सुधांशु "SUDH" 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत प्यार, मोहब्बत, इश्क़, जीवन 17330 0 Hindi :: हिंदी
वो अपनी छत पर आकर कपड़े सूखा रही है! क्या गुनाह है मेरा जो आंखो से गोली चला रही है!! नयन उसके तीखे से मस्तानी उसकी चाल है! देखा जबसे मैंने उसे है हाल मेरा बेहाल है!! खुदा का नूर कयामत का कहर वो है! उसमे बसा मेरा दिल मेरा शहर वो है!! डरता हूँ उससे उसी पर मरता हूँ! जादू है क्या ये उसका क्या जहर है!! हरकतो मे जंजाल शब्दो मे मायाजाल है! दिल पर मेरे उसका काबू क्या कमाल है!! दूरियों मे भी उससे नजदीकियों का मिलान है! गम मे याद आती है मुझको खुशीयों की दुकान है!! कोयल सी बोली उसकी मीठी सी मुस्कान है! दिल मे बसी वो मेरे अब वो मेरी ही जान है!! आँख खुली तो सब गायब हो गया! रचना मेरी कल्पनिक मै पागल हो गया!!