संदीप कुमार सिंह 07 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5479 0 Hindi :: हिंदी
मुझे भी दो मेरा अधिकार, मुझ पर अब कर दो उपकार । कितना सुन्दर है यह संसार, फिर मुझे मत करो बहिष्कार। देने वाले दाता ही सर्वोपरि हैं, दाता मुझ्को भी कर दो उपर। कैसे केसों को दिया_ऐसे वैसों को दिया, मुझ पर भी अब प्यार बरसा दो। और अब कितना सहूं अन्याय, न्याय की देवी अब तो दिल में बसा ले। मुझे भी दो मेरा अधिकार, यही है अब मेरा करुण चीत्कार। हरेक बात की एक हद होती है, अब और ना करें मुझे अधीर। कब से मैं भी खड़ा पंक्ति में हूं, अब तो दे दे खुशियों की समीर। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह ✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....