संदीप कुमार सिंह 02 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4327 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) बड़े भाग्य की बात है,खुशियां मेरे पास। दिल में चाहत खूब है, होंगें पूरे आस।। बड़े भाग्य की बात है, रिश्ते नाते खास। रिश्तों को रखता बचा, जीवन में है हास।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....