Atul kumar Gupta 01 May 2024 कविताएँ समाजिक 1035 0 Hindi :: हिंदी
उन्हें उनके ख्वाब में रहने दों...! मुझे मेरी हकीकत पसंद है...!! उन्हें उनके श्रृंगार में रहने दों..! मुझे मेरी सादगी पसंद है...!! उन्हें उनकी आशिकी में रहने दों..! मुझे मेरा प्रेम पसंद है...!! उन्हें शहरों में बसने दों..! मुझे मेरा गाँव पसंद है ..!! उन्हें समुन्दर और लहरों में रहने दों..! मुझे मेरा किनारा पसंद है..!! उन्हें जुगनू और सितारों में रहने दों..! मुझे अँधेरी रातें पसंद है..! उन्हें गानों, और फिल्मो में रहने दों..! मुझे मेरी कविताएं पसंद है...!! उन्हें ग्वाल और गोपियों में रहने दों..! मुझे मेरी राधा पसंद है...!! उन्हें अखबार और पत्रिकाओं में रहने दों..! मुझे मेरी साहित्य (किताबें )पसंद है..!! उन्हें फूल और बागों में रहने दों..! मुझे वृक्ष की छाँव पसंद है..!! उन्हें झूठ और दिखावे में रहने दों..! मुझे मेरी सच्चाई पसंद है....!! ✍🏻....... Atul..