Sameer abbasi 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य #newquotes #bachpan #viral #life #youngwriter #google #sahitya #studentlife 7957 0 Hindi :: हिंदी
कई दफा जिंदगी में ऐसे दौर आते है, जिसमे वो चाहते हुए भी कुछ नही कर पाते है, चले जाते है घर छोड़ कर और मां के हाथ की रोटी खाने के लिए तक तरस जाते है। जी हां दौर ये है संघर्ष का जिसमें योद्धा विद्यार्थी, किताबे लिबास और कलम हथियार होती है। कई बार अपनो से, तो कही बार अपने बार अपने सपनो से हारता है। नहीं रहती हैं परवाह की पैर में कांटे कितने चुभे है, बस चलते रहते है ये सोच कर की बहुत से आगे निकल चुके है। राते थककर सो जाती है जिंदगी के इस सफर नींद कुछ इस कदर खो जाती है। पाकर रहेंगे जो पाना किया फर्क पड़ता है भले खिलाफ पूरा जमाना है।