संदीप कुमार सिंह 26 Jun 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5377 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) देखा जो सूरत आपका नजर में प्यार आ गया। यह जानकर दीवाने सभी भी अब खूब जल गया। आँखों का कसूर था दिल ने यह किया है स्वीकार_ तेरे करम से मेरा अब संसार ही बदल गया। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....