संदीप कुमार सिंह 08 Jun 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6007 0 Hindi :: हिंदी
आओ प्रतिकार करें आज यह ठान लूं, जीवन जीवन के लिए सदा दान करूं। मानवता के फूल को हृदय में रख कर, असमाजिक तत्वों का दृढ़ प्रतिकार करूं। मनुज जन्म के उद्देश्य को आगे करूं, भ्रष्टाचार का हम सभी प्रतिकार करूं। विश्व के कोने_कोने में यह संदेश, पहुंचे मानव के दुश्मनों अब सम्हलो। आज जो एक अनजान भय है मानवों, आओ समझें इसकी क्या बिसात है। अपने अंदर भी एक भय छुपा रहता, पहले खुद से खुद भय का प्रतिकार करो। एक अद्भुत साहस से ही जीवन चले, इस साहस का आज सरस गुणगान करें। जिन्दगी से हम सभी खुलकर प्यार करें, ताकि जिन्दगी भी सभी को ताज समझे। फिर एक अच्छी जिन्दगी के साथ चलें, और मनुज के कल्याण लिए कार्य करें। आज यह सौगंध हम सबों ने लिया है, अन्याय का प्रतिकार सदा ही करेंगे। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....