Jyoti yadav 01 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मन उदास है मां वजह खास है मां 7528 0 Hindi :: हिंदी
मन उदास है मां वज़ह खास है मां बस एक बार तू सुन ले फिर चाहे जो राह चुन ले मैं तूझे रोकुगी नहीं। चाहे जो करेगी टोकुगी नहीं क्या बताऊं तूझे क्या हाल है मेरी बस खुद से एक सवाल है मेरी क्यों दर्द आता है हर बार मेरे ही हिस्से में कुछ जबाव है तेरे किस्से में यहां हर कोई मुझे समझाता है मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए मुझे वैसा नहीं करना चाहिए बताता है वज़ह कोई भी हो पर गलती हमारी ही होती है कोई छोटी मोटी नहीं भारी ही होती है क्यों बड़ी हो गई मां मैं बचपन में ही क्यों अरमाने दब जाते हैं मेरे धड़कन में ही क्यों मैं कभी बच्ची नहीं रही क्यों किसी के नजरों में अच्छी नहीं रही हर बार डांट मूंझे ही क्यों मिलती हैं क्यों तू नहीं कुछ कहती हैं क्या दर्द ग़म अंधियारा ही मेरा वजूद है या मेरे हिस्से में और भी कुछ हैं कुछ लोग कहते हैं बोला मत कर तो कुछ लोग कहते हैं हंसा मत कर तो तू ही बता मां मैं क्या करूं ऐसे ही घुट घुट के मरू नहीं मां तू कह दे इस जमाने से मैं नहीं डरूंगी यूं डराने से हिम्मत हौसला जुनून जिगर मेरे भी पास हैं मां लड़की हूं तो क्या हुआ मुझमें भी सांस है मां मन उदास है मां वजह खास है मां