Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

सौन्दर्य और शौर्य की चर्चा -अपनी मातृभुमी पे कुर्बान अपनी आन-बान शान

Raj Ashok 17 Jan 2024 कविताएँ देश-प्रेम सौन्दर्यऔर शौर्य 4844 0 Hindi :: हिंदी

शोन्दर्य और शौर्य की चर्चा 
कभी मेवाड़ कि  भूमि पे आम थी ।।
आईने भी शौकीन थे।  
रानी पद्मावती के रूप की एक छलक
पाने को, 
क्या सोचते हो तुम ,अमरता के स्वरूप
भी मिटे है। कभी 
मातृभूमी के संकट पर 
देश पहले हर स्वरुप हर जीवन से
यही तो वह शिक्षा है। 
जो गर्भ से एक माँ अपने सपूत को देते आई है। 
अपनी मातृभुमी पे कुर्बान अपनी 
आन-बान शान ।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: