Poonam Mishra 05 Jun 2023 ग़ज़ल समाजिक पास आने की चाहत 7691 0 Hindi :: हिंदी
जितने पास आने की चाहत रखते थे !!न जाने क्यों ? उम्र के इस मोड़ पर तुम इतनी दूर!! जाने की चाहत दिखाते हो!! मुझसे मिलने के कई उपाय ढूंढते!! थे न! मिलने पर मुझसे कई बार मिन्नते किया करते थे!! अब न जाने क्यों?? तुम मुझसे दूर जाने के कई उपाय ढूंढा करते हो ! फिर मैं तुम्हारी जिंदगी में वापस ना आऊ तुम मुझसे क्यों?? मिन्नतें किया करते हो?? कुछ वादे किए थे !! तुमने उसे पूरा भी न किया यू राह में मुझे अकेला छोड़ कर!! तुम दूसरी राह पकड़ने की इच्छा जताया करते हो!! चलो अब फासले जो हो गए मेरे ,तुम्हारे ,दरमियां ! फिर क्यों? शिकायत मैं करूं!! तुम पास मेरे ही रहो जिस तरह से साथ रहने का निर्णय लिया हमने!! तुमने! मिलकर आज जुदा होने का निर्णय सिर्फ तुमने लिया!! मैं तो उसी राह पर खड़ी हूं जहां तुम ने मुझे छोड़ दिया!! चलो फिर से कोई शिकवा न करें कोई शिकायत न करें!! तुम अपनी राह खुश रहो!! मैं अकेली यूं ही अपनी राह खुश रहू