Arun kumar sirswal 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत प्रेम की गजल 89864 0 Hindi :: हिंदी
तेरी याद के आलम में मेरा दिल जो दीवाना है इस दिल की इमारत से तेरा नाम मिटाना है तेरी याद के आलम में मेरा दिल जो दिवाना है तुझे याद करके तो आँसू ही बहाना है जैसे पागल था मजनू राँझा भी दीवाना जब खेल नही बसका क्यों हाथ बढ़ाना है तेरी याद के आलम में मेरा दिल जो दीवाना है इस दिल की इमारत से तेरा नाम मिटाना है मंदिर से होकर के काबे में जाना है इस प्रेम के रस्ते में धक्का ही खाना है तेरी याद के आलम में मेरा दिल जो दीवाना है इस दिल की इमारत से तेरा नाम मिटाना है अरुण कुमार सिरसवाल