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कोई ना समझे यहां पीर -पराई

Ravina pareek 20 Jan 2024 कविताएँ दुःखद कोई ना समझे यहां पीर पराई 2934 0 Other :: Other

कोई ना समझे यहां पीर -पराई,
ना है किसी के पास किसी के दर्द की 
 दवाई।

हर कोई है यहां हरजाई,
बस इसी बात की है दुहाई।। 

हर दुख को अपने दिल में छुपाओ,
किसी को भी ना अपना दर्द बताओ।

अपनी समस्या को खुद सुलझाओ,
दूसरों के आगे ना हाथ फैलाओ।

अपने आप से बातें बतलाओ,
अपने आप पर जरा प्यार जताओ।

दूसरों को न गम बताओ,
अपने गम को खुद मिटाओ।।

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