मोती लाल साहु 02 Nov 2023 शायरी समाजिक दिल-ए-सुकून चैन और पनाह 15726 0 Hindi :: हिंदी
तेरी- नशीली आंखें तीरे नज़र, कर के- दीवाना यह है तेरी नज़र,, यूंहीं देखता- रह दिल के नजर-ए-जालिम, दिल- ए-सुकून चैन पनाह मिलता है!!!! -मोती
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