Raj Ashok 12 Jun 2023 कविताएँ समाजिक रहस्य 7624 0 Hindi :: हिंदी
कलम, तब बोलती है। जब मन मे विश्वास बोलता है। खामोश , आंख से इन्सान बोलता है। दिल ,ये तराजू ,के जैसे हर एक हिसाब तोलता है। वक्त ,की घड़ीयों का ये कोलहाल टिक-टिक भरी आवाज मे फिर से, एक नई सुबहा का आगाज बोलता है। घड़कनो मे छुपे ,दिल के वो रहस्य वो राज , खोलता है। है। सत्य एक अटल , जीवन मे प्रतिपल, कर्म ,प्रेम, तिरस्कार, करूणा मे संसार बोलता है।