Bholenath sharma 30 Dec 2023 कविताएँ समाजिक मोबाइल ,इसे जो अच्छे काम के लिए उपयोग करते है उनके लिए यह ठीक है कुछ लोग जो हद से ज्यादा उपयोग करते हैं उनके लिए यह बीमारी की तरह है बच्चो को मनोरंज के लिए यह उपकरण ना दे, उन्हें खेलने आदि क्रीड़ाए के के लिए अग्रसर करे। 1676 0 Hindi :: हिंदी
उदासी ही उदासी , छायी है हर पलो में । कोई टहलने को ही नहीं निकलता , व्यस्त हे सब मोबाइलो में । बचपन में खेलते - खेलते भूख को भूल जाते थे। अब मोबाइल देखते - देखते हम सबको भूल जाते थे । ये रोग मानव का , या भोग मानव का उसी में लिप्त नित्य प्रति , ये भोग मानव का या दानव का I