Mikky श्रीवास्तव 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 8910 0 Hindi :: हिंदी
मेरे राम का वनवास कब कटेगा जाने कब वो अपनी कामनाओं को पूरा कर मेरे पास लौटेंगे, वियोग की बदरी छाई है कई वर्षों से जाने कब वो छटेगा। मेरे राम का वनवास.... 14 वर्ष तो श्रीराम के लिए भी तय था संग सीता का कुछ दिन रहा, इसकी सुखद स्मृति उनके साथ रही, स्मृतियां हमारी भी रही , पर काश कुछ वर्ष मेरे राम का भी तय होता। मेरे राम का वनवास... मेरा ख्याल ही उनकी ऊर्जा बनती हर पल पाने की मुझे आस लिए, निराशाओं, असफलताओं से जूझते जाने कब तक वो भटकेंगे। कितनी उमंगे वो अपने चेहरे पर दिखाते है, जाने कितनी सच्चाइयों को वो सबसे छुपाते है मुझसे दूर रहना उनको मुझसे ज्यादा रुलाता है, दिखावटी मुस्कान जाने कब तक टिकेगा, मेरे राम का वनवास कब कटेगा। Mikky श्रीवास्तव