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हुज़ूर शहंशाह का दरबार ये जहां- उसकी तेज से चमकती ये जहां

मोती लाल साहु 03 Jan 2024 शायरी अन्य धरती-ए-धाम उसकी नूर से चमकती यह दरबार है 4411 0 Hindi :: हिंदी

हुज़ूर-ए-
शहंशाह का है दर-ए-जहां,

उसी की- 
तेज से है चमकती-ए-जहां,

मुसाफ़िर तेरा सफ़र-
और सफ़र का मंजिल यहां,,

ठोकरें- 
खाता फिरे दर-दर तू कहां....!!!!
-मोती

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