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जुल्फों मे तेरी हम उलझे इस कदर

संदीप कुमार सिंह 20 Jan 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत प्यार मोहब्बत वाली कविता, शायरी, गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, कुंडलिया , सूरत तेरी कितनी भोली है, आंखें तुम्हारी शराबी है, सादगी तुम्हारी बेमिसाल है, सुन्दरता कि तुम देवी हो. 5416 0 Hindi :: हिंदी

जुल्फों  में  तेरी  हम  इस  कदर  उलझ  गए,
अपनी  भी  न  खबर  कोई  इतने  हम  खो  गए।

आँखों  से   तेरी  हम  पी  कर  शराबी  हो  गए,
सारे  जहां  के  रंग  अब  गुलाबी  हो  गए ।

आज  की रात  जुल्फ  मत  बाँधो, 
इसे  यूं  ही  खुला  रहने  दो। 

 अपनी  चाहत  की  मेरी  जान  नशा  रहने  दो, 
मुझ  में  तुम  अपने  ध्यान  को  रहने  दो।

 तेरी  चाहतों   के  हंसी  ख्वाब में,
मैं  जीता  चला  जाऊँगा।

तेरी  जुल्फों  की  स्याह  रातों  में,
मैं  सो  जाऊँगा।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप  कुमार  सिंह✍️
जिला:-समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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