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अवसर वादी हो गए-सब नेता गण आज

संदीप कुमार सिंह 03 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 7337 0 Hindi :: हिंदी

(दोहा छंद)
अवसर वादी हो गए, आज अधिकतर लोग।
अपना ही हैं देखते, खूब मिले जो भोग।।

अवसर वादी हो गए, सब नेता गण आज।
भरे तिजोरी खूब खुद, करे न विकास काज।।

अवसर वादी हो गए,रखते मन में लोभ।
करते भोग विलास अति,पाले नहीं न छोभ।।

अवसर वादी हो गए,अक्सर आज विभाग।
काटे चक्कर जन सभी,नहीं रहा अनुराग।।

अवसर वादी हो गए,नहीं करे प्रतिकार।
करते लूट खसोट जो,बढ़ा रहे आकार।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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