Ujjwal Kumar 02 Oct 2023 कविताएँ अन्य जिन्दगी के सफर 15884 0 Hindi :: हिंदी
उतार देखे चढ़ाव देखे जिंदगी तेरे सफर में हमने कई पड़ाव देखे कई रंग रूप में ढलते देखा हर रिश्ते को यहाँ बदलते देखा कभी रहा जिम्मेदारियों का डगर तो रहा कभी सुहाना सा सफर हर मुश्किल को डट कर झेला ज़िन्दगी न किया कभी तूने अकेला मोड़ कई आये कुछ ना आम रही ज़िन्दगी के सफ़र में मंजिल गुमनाम रही ख्वाहिशों का बोझ लिए बैठे हैं जिंदगी तुझे मन में लिए समेटे हैं युवा रचनाकार उज्ज्वल कुमार