संदीप कुमार सिंह 04 May 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6077 0 Hindi :: हिंदी
प्यार जिन्दगी साज है,इससे ही संसार। दिल में रख इसको सदा,सबको करें दुलार।। सभी काम सुलझे सही, रखें अगर हम प्यार। बाधा सारे खत्म हों, जीवन चमके यार।। दीए नित ही खुद जला, कर दें जगत प्रकाश। खुशियां चूमे कदम को, छू लें मनु आकाश।। बगिया सुरभित प्यार से, खुशी रहे परिवार। करें भला सब जीव का,मिलता दुआ हजार।। सजा प्यार से आज को, कल भी होगा हर्ष। चलते रहिए रोज ही, सदा करें उत्कर्ष।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....