संदीप कुमार सिंह 08 May 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4793 0 Hindi :: हिंदी
विधि का लिखा विधान है, समझ इसे तूं ईश। कर्म राह चलता रहूं, कृपा करे जगदीश।। विधि का लिखा विधान है, होना नहीं हताश। नेक इरादे रख सदा, खुशियां रहे अनाश।। विधि का लिखा विधान है, पूर्ण करेंगें आस। पालन करें विधान का, प्रभु का रहिए दास।। विधि का लिखा विधान है, उनको शुद्ध प्रणाम। करूं कठिन श्रम मन लगा, सफल करूं हर काम।। विधि का लिखा विधान है, करूं सदा स्वीकार। स्वच्छ भाव को मैं रखूं, ले लूं सब अधिकार।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....