Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #Rambriksh kavita#khyal kavita Rambriksh#ambedkarnagar poetry 43002 0 Hindi :: हिंदी
कविता-ख्याल ख्याल आता है क्षण भर के लिए न जाने क्यों रुकता नहीं पल भर के लिए भूलता नहीं भूल पाता नहीं हूं वह रिस्ता जो पहली बार पहली बनकर बन गयी जीवन भर के लिए पर ख्यालों में बसी है सजी है दुल्हन जैसी खूबसूरत ख्वाब ख्यालों में पल भर के लिए दूर न थी कभी साथ पग पग चली दुःख भले हो कड़ी सुख हो चाहे भली खाके कसमें की वादे सात जन्मों के लिए भूल पाता नहीं हूं किन्तु बार बार आता है ख्यालों में क्षण भर के लिए। छोड़ गयी मुझे बेसहारा हूं मेरी पगली लगता सून सान हर पथ हर गली बन कर रह गया हूं पौधा बेहया का जो सूख कर भी हो जाता है हरा भरा जब पाता मौसम नमी आज भी है तू मेरे धड़कन की कड़ी भले ही आती हो मेरे ख्यालो में पल भर के लिए। रचनाकार -रामवृक्ष,अम्बेडकरनगर
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...