संदीप कुमार सिंह 13 Nov 2023 कविताएँ समाजिक Meri yah kavita samaj hit me hai.Jise padhkar pathak gan kafi labhanvit hongen. 9549 0 Hindi :: हिंदी
आज संगम करेंगे विचारों का, आज संगम करेंगे कर्मों का। आज संगम करेंगे संस्कारों का, आज संगम करेंगे सभ्यता का। आज संगम है आरजू ओं का, आज संगम है प्रक्रियाओं का। आज संगम है दैनिक क्रियाओं का, आज संगम है उमंगों का। आज संगम है सुखों और दुखों का, आज संगम है उत्थानो और पत्तनों का। आज संगम है सहीयों और गलतों का, आज संगम है अर्थ और अनर्थ का। आज संगम है प्यार और तकरार का, आज संगम नैतिकता और अनैतिकता का। आज संगम है धर्मों और अधर्म का, आज संगम है विज्ञान और अध्यात्म का, आज संगम है,शुन्य और अनंत का। आज संगम है रूप और कुरूप का, आज संगम है स्वरूप और पर रूप का। आज संग्म है आचार और विचार का, आज संगम है तर्क और वितरकों का आज संगम है अंधेरों और उजालों का। आज संगम है सभ्य और असभ्य का l आज संगम है,दोस्त और दुश्मन का, आज संगम है ज्ञान और अज्ञान का। आज संगम है वफा और बेवफा का, आज संगम है इंसान और शैतान का। आज संगम है खुशी और ग़म का, आज संगम है समाज और समाजिकता का। आज संगम है शक्तिमान और कमजोर का, आज संगम है भोले और वाचाल का। आज संगम है ग्राम और शहरों का, आज संगम है नेता और जनता का। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:-समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....