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जो दिख रहा है वो बस अंधेरा तो नहीं है

RAJAT ROHIT RAJPUT 11 Apr 2023 कविताएँ समाजिक Rajat Rohit Rajput poems of Rohit ko dikh rha h vo andhera to nhi h iwriteheartfeelings rajatrohitrajput 8525 0 Hindi :: हिंदी

जो दिख रहा है वो बस अंधेरा तो नहीं है
नज़रों से थोड़ा दूर है पर ये नहीं कि सवेरा नहीं है
यहां से बहुत आगे तुम्हारा पहला ठहराव होगा
जहां हो बस वहीं पर तुम्हारा बसेरा तो नहीं है
लहरें प्रतिकूल हैं तो तुम बीच में ही कहीं हो 
अगर सामने नहीं है तो ऐसा नहीं कि किनारा नहीं है
मत सोच कि अगर डूबे तो तिनके का भी सहारा नहीं है
बीच में ही तेरी सांसे जवाब दे जाएं तू इतना भी बेचारा नहीं है
जरा गौर से देख उम्मीद की किरणे सामने ही कहीं होंगी 
जो दिख रहा है वो बस अंधेरा तो नहीं है 
नज़रों से थोड़ा दूर है पर ये नहीं कि सवेरा नहीं है
 @rajatrohitrajput

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