Anonymous 30 Mar 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग #चुनाव के दिन 19204 0 Hindi :: हिंदी
मतदान हो रहा था, वोटर सब खड़े थे। बगुले सा मग्न हो, नेतागण अड़े थे । सड़कों पर भीड़ थी, सब लोग खड़े थे, फुसुर फुसुर बाते, बातों से बड़े थे । किसी को सुझाव, किसी से लगाव, नज़रे चुराकर , वोटो का भाव, आ रही तूफान से , सभी अनजान थे । वोटिंग की चिंता थी, नेता परेशान थे । अचानक ही भाग दौड़, खलबली, सा मचा। लोमड़ी सब भाग गए, कुत्ता सब ही बचा । नेता जी सीट पे, डंडे पड़े पीठ पे, अहम अब वहम थे । मिटा सब ताव था, क्योंकि उस दिन चुनाव था ।। उस दिन चुनाव था ।।।। स्वरचित पंकज कुमार रामजी