संदीप कुमार सिंह 06 May 2023 कविताएँ समाजिक 6210 0 Hindi :: हिंदी
रोके से रुकती नहीं,नजर करे दीदार। अति हर्षित तब मन हुआ,रोम रोम गुलजार।। रोके से रुकता नहीं,मेरे मधुर विचार। सबको सदा प्रकाश दे,खुशी भरा संसार।। रोके से रुकती नहीं,मेरी अटल उड़ान। हासिल सभी मुराद है,बुद्धि भरी पहचान।। रोके से रुकता नहीं, करूं अनवरत काम। पाया सही मकाम को,जीवन नहीं विराम।। रोके से रुकता नहीं,जीवों का कल्याण। जीत सही का सर्वदा,कहते सभी पुराण।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....