Sudha Chaudhary 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 81822 0 Hindi :: हिंदी
तुम पास हो तो ऐसे नदियां कहीं थमी तुम दूर हो जैसे सागर में जल नहीं है। आओ मेरे सफर में पूर्णतः मिलो तो धरती से जैसे गले आसमान मिले हो। कुछ पग तुम ही रखते आत्मा से कहते तुम पास थे हमेशा इस भ्रम सेना गुजरते कि दूर थे हमेशा। मेरे सरल हृदय पर स्थूल से लिखते तत्पर हूं सदा से साथ तुम जो चलते। सुधा चौधरी