Vishnu ashiwar 30 Mar 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग लड़कियों के लिए हास्य कविता 59660 1 4 Hindi :: हिंदी
हजारों लडकों को पागल किया है! अपनी ही अदाओं पे घायल किया है!! बेहतर होता अगर हम मोहब्बत से दूर रहते, हम गधे सो ठहरे जो बातों में बहके!! ऊँगुलियों पर नचाया कठपुतलियों के जैसे! चूस कर फैंका मुझे आम की गुठलियों के जैसे!! दुर से ही भाते हैं ये लैला मजनू के किस्से! कहाँ कितने चले हैं ये वाट्सऐप के रिश्ते!! अनारकली के प्यार की लोग करते जरूर बढ़ाई हैं! मगर सलीम से तो पुछो कि कितनी हुई धुलाई है!! लडकों के दिलों को ये पत्थर समझती हैं! हम जैसे आशिकों को कबुतर समझती हैं!! जो पीछे हिरनीयों के भागे वो आशाराम बन गये, और जो हिरनों को मारे वो सलमान बन गये!! कि इस बाबु के थाने में थोड़ा जहर मिला दो! मुझको भी खिला दो, उसको भी खिला दो!! शादी की बोलोगे जब आप हकीकत जानेंगे! आखिर में कहेंगी ये की पापा नहीं मानेंगे !! गलती से भी इनसे अगर बाज़ारों में मिलोगे! यकीनन बदनामी के कल अखबारों में मिलोगे!! इनके जालों का एक दिन तुम भी शिकार बनोगे! जो आज मैंने बोल रहा हूँ वो कल तुम भी लिखोगे!! दम निकली, गम बढे, इनकम बंद हो गई! इन हिरनीयों के चक्कर में जिंदगी झंड हो गई!! Writer📝:- विष्णु सैनी आशीवार जय हिंद - जय भारत
1 year ago