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जिनसे हम कभी मिले ही नहीं थे

Pravin Chaubey 31 May 2023 शायरी प्यार-महोब्बत #कविता #काव्य #पोएम #सायरी #मोटीवेशन #दर्द सायरी #रील #वायरल 6090 0 Hindi :: हिंदी

जिनसे हम कभी मिले ही नहीं थे आज इत्तफाक से उन की और मेरी मुलाकात हो गई 
वो रहती थी बेसक मेरी ही गलियों में मेरी और उनकी कभी बात ना हुई
मेने देखा था उन को गुजरते हुए अपने घर से 
उन के घर के सामने मेरे घर का होना ये भी तो कोई इत्तफाक तो नही 
वो चेहरे को अपने ढक कर के दुपट्टे से जाया करती थी 
कोई देखा ना ले उन के  चेहरे को इस लिए वो अपने चेहरे को दुपट्टे से छुपाए रखती थी 
थोड़ी मासूम तो थोड़ी नादान थी वो, उन को देख के ऐसा लगा जैसे इस सहर से पूरा अनजान थी वो 
जब पहली नजर ने उन को देखा तो उन की आंखों से मेरी आंखो का दीदार हो गया, 
देखते ही देखते जाने कब हम दोनो में प्यार हो गया 
जिनसे हम कभी मिले ही नहीं थे इत्तफाक से आज उन से मुलाकात हो गया 
                           -   प्रवीण चौबे

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