संदीप कुमार सिंह 18 Nov 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है।जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगे। 8142 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) रहस्मयी रूप की रानी कोई मेरे सपनों में आए। आकर मेरे दिल को सहला कर वह चुरा ले जाए। मेरा तो कोई वस चलता ही नहीं है अब कहूं क्या_ सोए में ही कोई मदिरा मुझको पिला कर वह जाए। यह कैसी गजब बात है और गजब है वह कोई रानी। क्यों रात सोए में वह मेरे पास आती है होती है हैरानी। पर चाहकर भी कुछ कर नहीं सकता हूं यार मेरे भाई_ अब जो हो सो हो है मजा है उसमें बात हों पुरानी। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....