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सच सच्चा मीत-जो हमें अपने पथ से डिगा नहीं सकता

संदीप कुमार सिंह 22 Jun 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4767 0 Hindi :: हिंदी

सच का दामन थामें हमें आगे बढ़ना चाहिए,
झूठ का सहारा हमें जाल में फंसा सकता है।

झूठ बड़ा ही लालची होता है,
जो लालच देकर हमें,
 मौत के गहरी कुआं में धकेल देगा।

इतिहास गवाह है,
झूठ वाले सर्वदा ही पराजित हुए हैं।

सच एक ऐसा वरदान है,
देर सही मगर दुरुस्त रखता है।

हमें सच बोलना चाहिए ही,
साथ में उसमें मधुरता भी होनी चाहिए।

सच को अपना साथी बनाने से,
विषम परिस्थिति में भी साथ देते हैं।

झूठ हमें बीच चौराहे पर भी,
बदनाम कर सकता है।

झूठ छलिया है,
जो हमें छलते हैं।

सच अडिग हैं,
जो हमें अपने पथ से डिगा नहीं सकता।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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