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पाना है तुमको अगर-खुशियाँ भरी बहार

संदीप कुमार सिंह 03 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4711 0 Hindi :: हिंदी

(दोहा छंद) 
पाना है तुमको अगर, यहां सफल किरदार।
होगा सब गुण सीखना, करें पार मझधार।।

पाना है तुमको अगर,खुशियाँ भरी बहार।
 निर्मल रखें विचार को, जीवन हो गुलजार।।

पाना है तुमको अगर,दुर्लभ जो हो चीज।
रखें अटल विश्वास को,जैसे अनुपम बीज।।

पाना है तुमको अगर,दुनिया में जो हीर।
करना होगा श्रम बड़ा,तब मुख पर हो नीर।।

पाना है तुमको अगर,चमचम करता स्वर्ण।
पड़े कमाना खूब धन,गान सुनें प्रिय कर्ण।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़

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