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जिसका जितना हो आँचल-सौगात भी उसको उतनी ही मिले

संदीप कुमार सिंह 15 Jun 2023 कविताएँ समाजिक आँचल, सौगात, फूल, जीवन,प्यार, गीत, सु: ख_दुःख, पहेली, मंजिल, दीपक 4630 0 Hindi :: हिंदी

जिसका जितना हो आँचल यहां पर,
सौगात भी उसको उतनी ही मिले।

जीवन में फूल खिलाने का प्रयास करें,
कभी_कभी कांटे भी फूल बन जाते हैं।

जीवन एक प्यार का गीत है,
इसके बिना जीवन नीरस है।

सु:ख_दुःख तो आते_जाते रहेंगे,
यह जानकर इसका सामना करना है।

जीवन में पहेलियाँ भी बहुत है,
 इन पहेलियों में उलझना बेकार है।

मंजिल गर दूर भी है तो क्या हुआ?
और साथ में रास्ता भी मुश्किल हो तो क्या हुआ?

जीवन में गम भी आते_जाते रहेंगे,
हंसकर इसका सामना करना पड़ेगा।

रात गर झिलमिल सितारों सा नहीं हो तो,
दिल का दीपक जलाना ही चाहिए।

एक बात बहुत खूब है,
जीवन में अवसर भी आते_जाते।

बस अपने आप को जागृत रखना है,
और अनुकूल अवसर का आँचल थाम लेना है।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)
बिहार

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