भूपेंद्र सिंह 19 Dec 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत रात का वर्णन, रात की प्रकृति 7261 0 Hindi :: हिंदी
मैं बेसब्री से रात का इंतजार करता हू, दिन से ज्यादा रात से प्यार करता हू, रात के प्रति अपने प्यार का इजहार करता हूं, रात का इंतजार मैं बार बार करता हु।। रात में बिजली का चमकना, रात में दिल का धड़कना, रात में पंछियों का चहचहाना, रात में पत्तो का लहलाना, रात के अजीब से सन्नाटे में घूमना, प्रकृति के अद्भुत नज़ारे चूमना।। रात के सन्नाटे में आसमान में चांद देखना, चिंताओं से दूर खुद को महान देखना, रात के अजीब से सन्नाटे की शान देखना, तारों का आसमान में गुणगान देखना, गलियों को पूरी तरह सुनसान देखना, खेतो को भी पूरी तरह वीरान देखना, रात को ही संसार का असली जहान देखना।। रात को डरना, धीरे धीरे चलना, अजीब सी खामोशी, कभी पुकारती है मौसी, थोड़ा सा देखना करके गौर, जूगनूयो का शौर, लोगों के सोने की आवाज, कभी बच्चे की रोने की आवाज, रात में चमकते घर देखने के लिए, पंछियों के पर देखने के लिए, मैं निकलता हूं घर से बाहर होकर मदहोश, रात के नजारे देखकर मैं खो देता हूं पूरे होश, मैं देखना चाहता हूं तारों की चमक, गलियों में अद्भुत सी दमक, खेतों में लहलहाती फसले और चमकते हुए दिए, चांद खड़ा है आसमान में अमृत को पिए।। रात तू जल्दी आना कोई तेरा इंतजार करता है, कोई निशाचर प्राणी तुझसे भी भरपूर प्यार करता है, तुझे कोई बंदा याद बार बार करता है, तेरे प्रति अपने प्यार का इजहार करता है।। मुझे छोड़कर नही जाओगी, उम्मीद है तुम जल्दी आओगी।। भूपेंद्र सिंह रामगढ़िया।।।।