Bholenath sharma 16 Jan 2024 कविताएँ समाजिक जब आपको किसी की जरूरत पड़ती तब आप उससे ऐसे पेश आते है जै से घर का सदस्य हो, वही अगर बाद मिले तो ऐसे बर्ताव करेगें की जैसे पहचानते ही नहीं 1909 0 Hindi :: हिंदी
मैं उन्हें जानता हूँ पर वो मुझे पहचानते नही , बिना काम के वो मुझको बुलाते नही , उन्हें भी फुरसत नहीं हमें भी फुरसत नहीं फिर दोनों बिना मतलब के मिले ही नही ।